ग्लैमर वर्ल्ड के चमकते सितारे हैं डॉक्टर मनु बोरा, स्पोर्ट्स पर्सन के इलाज के लिए छोड़ा फिल्मों का ऑफर
डॉक्टर मनु बोरा ग्लैमर वर्ल्ड के साथ-साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान रखते है। एक सफल इंटरनेशनल मॉडल होने के साथ ही वह एक नामी स्पोर्ट्स सर्जन भी है। अपने शौक और सपने दोनों को पूरा करने का उनका सफर बेहद दिलचस्प रहा।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। वो कहते हैं ना कि शौक बड़ी चीज है, राजस्थान के रहने वाले डॉक्टर मनु बोरा ने इस बात को साबित कर दिखाया है। उन्होंने न सिर्फ अपने शौक को फॉलो किया, बल्कि अपने सपने को पूरा करते हुए लोगों के लिए एक मिसाल कायम की है। अपने आसपास आपने ऐसे कई लोग देखे होंगे जिन्होंने अपने सपनों को सच करने के लिए बड़ी से बड़ी कठिनाई पार कर ली। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने शौक को ही अपना सपना बनाकर उसे पूरा करने की कोशिश करते हैं। लेकिन इन लोगों में से कोई एक ऐसा भी होता है, जो न सिर्फ अपना सपना पूरा करने के लिए मेहनत करता है, बल्कि अपने शौक को भी फॉलो करता है। डॉ बोरा ने ऐसी ही मिसाल कायम की है।
बचपन में किया डॉक्टर बनने का फैसला
पेशे से एक डॉक्टर और शौक से एक मॉडल मनु बोरा चिकित्सा और मनोरंजन जगत का एक जाना-माना नाम है। राजस्थान के जोधपुर में जन्मे डॉ.मनु बोरा ने 12 साल की उम्र में ही अपनी मां से प्रेरित होकर डॉक्टर बनने का मन बना लिया था। हालांकि, उन्होंने सिर्फ स्पोर्ट्स पर्सन के लिए डॉक्टर बनने का फैसला किया। इसके बाद 15 साल की उम्र में डॉ मनु मिलिंद सोमान जैसे मॉडल्स को फॉलो करने लगे और उन्हें देख उनके मन में भी मॉडलिंग करने का विचार आया। अपनी इसी सोच को पूरा करने हुए उन्होंने 11वीं कक्षा में मिस्टर जोधपुर का टाइटल अपने नाम किया। हालांकि, बचपन में देखे डॉक्टर बनने के सपने को उन्होंने पीछे नहीं छोड़ा और अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद डॉ बोरा ने दिल्ली के एक नामी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया।
बतौर सर्जन चिकित्सा में रखा कदम
बेटे से दूर माता-पिता का घर पर मन नहीं लग रहा था। ऐसे में उन्होंने अपने बेटे को अपने पास बुलाने का फैसला किया और साल 2000 में डॉ मनु वापस अपने घर लौट आए। इसके बाद साल 2006 में मनु बोरा ने ऑर्थोपेडिक में अपना पीजी किया। इस दौरान उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ मॉडलिंग करने की भी कोशिश की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाए। पढ़ाई के दौरान उनका वजन भी काफी बढ़ गया, जिसके बाद उन्होंने मात्र तीन महीने में खुद को फिर से फिट कर साल 2010 में अपना एक पोर्टफोलियो शूट कराया। इसी साल उन्होंने बतौर सर्जन चिकित्सा के पेशे में अपना कदम रखा और इसके अगले ही साल से उन्होंने अपनी प्रैक्टिस भी शुरू कर दी।
पेरिस फैशन वीक में वॉक करने वाले पहले भारतीय
चिकित्सा के क्षेत्र में अपना पांव जमाने के बाद डॉ.बोरा ने मॉडलिंग की दुनिया में भी कदम रख दिया। अपने शौक को उड़ान देते हुए उन्होंने साल 2014 में पेरिस फैशन वीक में रैंप वॉक किया है। ऐसा करने वाले डॉ.बोरा पहले भारतीय थे। इसके बाद से उन्हें ग्लैमर वर्ल्ड में भी नई पहचान मिलने लगी। उन्होंने मिलान और न्यूयॉर्क सहित विभिन्न देशों में आयोजित फैशन वीक में रैंप वॉक किया। मॉडलिंग में आगे बढ़ते हुए उन्होंने कुछ विज्ञापनों के लिए भी काम किया। उन्होंने रॉयल एनफील्ड हिमालयन बाइक लॉन्च के लिए शूट किया। मॉडलिंग में सफल होने के बाद उन्हें फिल्मों के ऑफर भी मिले, लेकिन बॉलीवुड की चकाचौंध को छोड़ उन्होंने अपने सपने को चुना और साल 2014 में उन्होंने एसीएल सर्जरी में स्पेशलाइजेशन हासिल किया।
शुरू किया अपना यू-ट्यूब चैनल
बस फिर क्या था चिकित्सा के क्षेत्र में एक और सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने साल 2015 में ऑर्थोस्पोर्ट के रूप में नई शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने 2017 में युवा एथलीट्स के लिए फ्री कैम्प्स भी शुरू किए। डॉ.बोरा का मानना है कि खेलों में आगे ना बढ़ पाने का मुख्य कारण अपने शुरुआती दौर में चोटिल होना और फिर सही इलाज न मिलना है। ऐसे में इस परेशानी को देखते हुए उन्होंने इसी क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने का फैसला किया। इतना ही नहीं इस संबंध में सभी को जागरूक करने के मकसद से डॉ.बोरा ने साल 2019 में अपने यू-ट्यूब चैनल की शुरुआत की।
पुर्नवास केंद्र खोलना चाहते हैं डॉ.बोरा
मॉडलिंग के साथ ही चिकित्सा के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाने वाले डॉ.मनु बोरा का मानना है कि ग्लैमर वर्ल्ड में आने के लिए शिक्षा को कभी छोड़ना नहीं चाहिए। डॉ.बोरा के मुताबिक लोगों की प्राथमिकता शिक्षा होनी चाहिए। शौक और अपने सपने दोनों को पूरा करने वाले डॉ.बोरा वर्तमान में रेयमंड जैसे ब्रांड के साथ काम कर रहे हैं और अपने दोनों प्रोफेशन को बखूबी कर रहे हैं। आर्थ्रोस्कोपिक एसीएल इंटरनल ब्रेस सर्जरी में उत्कृष्ट डॉ.मनु बोरा चोटिल एटलीट्स के लिए एक पुर्नवास केंद्र खोलने की इच्छा रखते हैं।